आजमगढ़ न्याय के लिए हाईकोर्ट जायेंगे श्रेया के परिजन

आजमगढ़ न्याय के लिए हाईकोर्ट जायेंगे श्रेया के परिजन

 

 

कहा वे बाहुबली हैं, उनके पास हमें चुप कराने के लिए बहुत हथकंडे हैं

 

 

 

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य पर जताया भरोसा

 

 

 

उत्तर प्रदेश आजमगढ़ वे बहुत बड़े बाहुबली हो सकते हैं, सिस्टम को खरीद सकते हैं लेकिन उनकी औकात नहीं है कि वे हमे या हमारे पति को खरीद सकें। विवेचना को आजमगढ़ से ट्रांसफर करवा दिये। हमें पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य पर पूरा विश्वास है। उक्त बातें चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत छात्रा श्रेया की मां ने कही। उन्होंने आरोप लगाया कि हम अपनी बेटी के कर्मकांड में दो दिन व्यस्त हो गये थे तो कतिपय लोगों ने तरह-तरह की अफवाह उड़ानी शुरू कर दी। उन्होंने अभिभावकों से अपील किया कि आप लोग अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में न भेंजे जहां फूल जैसी बच्चियों को रौंदा जाता है।

 

 

 

बताते चलें कि चिल्ड्रेन स्कूल के प्रिंसिपल की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने 31 जुलाई को स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे थी। प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने स्कूल में लगे सीसीटीवी चेक किया। सीसीटीवी फुटेज में छात्रा प्रिंसिपल के कमरे से सीधे ऊपर जाती दिखाई दी। लगभग सवा घंटे के टार्चर के बाद छात्रा ने स्कूल परिसर की तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दी। फोरेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के सिर में चोट लगने से मौत होने की वजह बताई गई है। इस मामले में परिजनों की तहरीर पर जिले के सिधारी थाने में प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

 

 

 

आजमगढ़ से मऊ विवेचना ट्रांसफर होते ही अगले ही दिन आरोपियों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। इस घटना के विरोध में छात्रा के परिजनों ने आज सड़क पर उतर कर इंसाफ की गुहार लगाई। परिजनों का कहना है कि मामले की विवेचना आजमगढ़ को दी जाय। जिले के एसपी अनुराग आर्य पर हमें पूरा भरोसा है। छात्रा के परिजनों का कहना है कि हम हाईकोर्ट के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगे।

 

 

 

स्कूल प्रबंधन द्वारा बेटी की मौत के बदले में चल रही चर्चाओं पर श्रेया त्रिपाठी की मां ने बताया कि दो दिन हम अपनी बेटी के कर्मकांड में व्यस्त हो गए। इसी बीच यह फर्जी अफवाह उड़ा दी गई। हमें ही नहीं हमारे पति को भी खरीदने की उनकी औकात नहीं है। वह बहुत बड़े बाहुबली हो सकते हैं। सिस्टम को खरीद सकते हैं। पर आजमगढ़ के सिस्टम को नहीं खरीद पाए और यहां से विवेचना ट्रांसफर करा दिए। आरोपियों को रिहा किये जाने के सवाल पर छात्रा श्रेया त्रिपाठी की मां नीतू ने बताया कि आजमगढ़ पुलिस हमारे मामले में बेहतर काम कर रही थी।

 

 

 

घटना की सूचना मिलते ही स्कूल परिसर में पहुंचे पुलिस कर्मियों ने मुकदमा दर्ज किया। इसके साथ ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया। हमें आजमगढ़ एसपी अनुराग आर्य पर पूरा भरोसा था कि हमें इंसाफ मिलेगा लेकिन सुनियोजित तरीके से आठ अगस्त को अचानक यह विवेचना मऊ को ट्रांसफर कर दी जाती है। हमारी मांग है कि इस विवेचना को आजमगढ़ ट्रांसफर किया जाय जिससे हम लोगों को न्याय मिल सके। छात्रा की मां का कहना है कि पूरे मामले में कोई सूचना नहीं दी गई। जो हम बोल रहे थे वह नहीं लिख रहे थे। गलत लिख रहे थे। मेरी बच्ची को मारा गया पीटा गया और छत से फेंका गया। इनके पास पैसे हैं बहुत हथकंडे हैं हमें चुप कराने के लिए।

 

क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ आजमगढ़ थाना संवादाता आसमा सिद्धकी की खास रिपोर्ट

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