उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, गैरकानूनी घोषित करने की मांग

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, गैरकानूनी घोषित करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमें उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं समाज विरोधी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1986 के विभिन्न प्रविधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इस याचिका को एडवोकेट आन रिकार्ड अंसार अहमद चौधरी ने दाखिल किया है। याचिका में गैंगस्टर कानून की धारा तीन, 12 व 14 और उत्तर प्रदेश गैंगस्टर व समाज विरोधी गतिविधियां रोकथाम नियम 16(3), 22, 35, 37(3) व 40 को असंवैधानिक, गैरकानूनी और निरर्थक घोषित करने के लिए उचित निर्देश जारी करने की मांग की गई है।याचिका के मुताबिक, कानून की उक्त धाराएं और नियम संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20(2), 21 व 300ए और संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करते हैं। याचिका में वर्तमान रिट याचिका लंबित रहने तक गैंगस्टर एक्ट, 1986 की धारा दो/तीन के तहत पहले से पंजीकृत मामलों में आगे की कार्यवाही निलंबित रखने के प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया है, ‘न्यायपालिका मौलिक अधिकारों की संरक्षक है और उसके पास न्यायिक समीक्षा की शक्ति है जो अदालतों को विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों की पड़ताल करने और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने पर उन्हें अवैध घोषित करने का अधिकार प्रदान करती है। सरकार की हर कार्रवाई का कारण होना चाहिए और वह स्वेच्छाचारिता से मुक्त होनी चाहिए। यह कानून के शासन का सार है और उसकी न्यूनतम आवश्यकता है।

क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ जौनपुर प्रवीण कुमार गौतम व कैमरामैन अखिलेश उर्फ गोलू ‘

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights