एन,यच, 233के निर्माण को लेकर बढ़ता जा रहा विवाद

एन,यच, 233के निर्माण को लेकर बढ़ता जा रहा विवाद

*चंदवक*, एन,यच 233 के निर्माण में हो रही देरी का कारण क्षेत्रीय किसान भले ही जिम्मेदार हो, परंतु एन,मच, 233 के कार्यवाही संस्था कम दोषी नहीं है, 233 का निर्माण आजमगढ़,व, वाराणसी जिले में संपूर्ण बन चुका हैं, केवल जौनपुर जिले की 16 किलोमीटर की सड़क निर्माण में कई सालों से किसानों और कार्यवाही संस्था के बीच मुआवजे की रकम को लेकर पेंच फंसा हुआ है, अभी हाल ही में किसानों ने बन रहे टोल टैक्स को लेकर एक मीटिंग की थी, जिसमें यह तय किया गया कि जब तक किसानों के मुआवजे का पैसा नहीं मिलता तब तक टोल टैक्स की वसूली नहीं होने देंगे, टोल टैक्स की वसूली को लेकर कार्य दाइसंस्था ने पुल को जर्जर घोषित कर करीब कई महीनो से आवा गमन को बाधित कर दिया है, जिसके कारण, मात्र 39 रुपए भाड़ा की जगह, 93 देकर चंदवक से वाराणसी का सफर करना पड़ता है जो अतिरिक्त समय लगता है उसकी बात ही कुछ और है, आश्चर्य तो यह है,एन,यच 233 के पास खुद ही पुराने रोड पर पर्याप्त जगह मौजूद है, फिर किसानों के साथ विवाद क्यों, अगर किसान नहीं मान रहे हैं, तो अपनी सड़क पर ही निर्माण कार्य क्यों नहीं कराते, वैसे देखा जाए एन,मच 233 की कार्यवाही संस्थान जमीन की इतनी कीमत बढ़ा दी है कि आज मध्यम वर्ग चाह कर भी जमीन खरीद कर रहने के लिए निर्माण कार्य नहीं कर सकता, अब देखना है, किसनो की मांग पूरी होती है या कार्यवाही संस्था बिना निर्माण के टोल टैक्स वसूली कर पाती है, टोल टैक्स के चक्कर में क्षेत्रीय जनता पिसती जा रही है, वैसे देखा जाए तो स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी सेतु के मरम्मत का कार्य धीमी गति से ही हो रहा है, पर मरम्मत का कार्य चालू है, सेतु निर्माण कर्मचारियों ने बताया दो-तीन महीने के अंदर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, क्षेत्रीय लोगों का कहना है की पुल निर्माण तो बहाना था असल बात टोल टैक्स की ही है, क्या पुल निर्माण हो जाने के बाद बिना टोल टैक्स के ही आवागमन चालू किया जाएगा या टोल टैक्स वसूली के बाद पुल को चालू किया जाएगा अक्षय प्रश्न जनता के मन में विराजमान है,

 

क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज चैनल ब्योरो चीफ़ जौनपुर प्रवीण कुमार गौतम कैमरामैन अखिलेश उर्फ गोलू

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