रुद्राभिषेक के वैदिक मंत्रों से गुंजा वसई का बसंत नगरी

ब्यूरो धनन्जय विश्वकर्मा
महाराष्ट्र/वसई: श्रावण मास में, वसई पूर्व की बसंत नगरी के एवरेस्ट टावर में महादेव भगवान शिव का भव्य रुद्राभिषेक किया गया। विश्वकर्मा चैरिटेबल संस्था वसई के अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा ने इस पूजा का आयोजन एवरेस्ट टावर के सी विंग 703 में किया।
पंडित श्री कृष्णाचार्य महाराज ने वैदिक मंत्रों के साथ इस रुद्राभिषेक को संपन्न कराया, जिसमें सैकड़ों शिव भक्तों ने भाग लिया और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया।
राजेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने भगवान शिव की उपासना अपनी मन की शांति और सुख-समृद्धि के लिए की। यह माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवपुराण के अनुसार, सही विधि और मंत्रों के साथ किया गया रुद्राभिषेक भक्तों की हर इच्छा पूरी करता है, खासकर जब कोई काम अटका हुआ हो या कोई विशेष मनोकामना हो।
जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में अंतर
पंडित श्री कृष्णाचार्य जी महाराज ने स्पष्ट किया कि जलाभिषेक और रुद्राभिषेक दोनों अलग-अलग हैं। जलाभिषेक में शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाया जाता है, जिससे भगवान शिव को शीतलता मिलती है। वहीं, रुद्राभिषेक में वैदिक मंत्रों और विशेष पूजन सामग्री का उपयोग किया जाता है।

इस शुभ अवसर पर निशा विश्वकर्मा, मनीषा, यशु, विश्वकर्मा चेरिटेबल संस्था के समस्त पदाधिकारी अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष राधेश्याम विश्वकर्मा,सचिव अखिलेश विश्वकर्मा , रवि विश्वकर्मा, उद्योगपति राजकुमार विश्वकर्मा ,कलिना समिति से प्रविंद विश्वकर्मा, नालासोपारा से भगवती शर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा,अरविंद शर्मा, एकार्थी फाउंडेशन के संरक्षक राजमणि विश्वकर्मा चाचा, अध्यक्ष दिनेश विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, आदि कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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