विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए एक खुशखबरी आई है सामने …….

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करने के लिए नए नियमों की की है घोषणा* ……

इसके तहत अब छात्र विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में साल में दो बार ले सकेंगे एडमिशन ……यानी कि छात्रों को अब जुलाई / अगस्त और जनवरी / फरवरी में दाखिला लेने का मिलेगा मौका*…..

इन नए नियमों के अनुसार, छात्र नियमित, लर्निंग और डिस्टेंस मोड में कर सकते हैं दोनों कोर्स…… इसके अलावा, छात्रों को यह विकल्प भी मिलेगा कि वे दोनों कोर्स कम या ज्यादा समय में कर सकते हैं पूरा …..यानी कि, विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने कुल छात्र क्षमता के 10 प्रतिशत तक छात्रों को ईडीपी और एडीपी की देंगे अनुमति* ……

एडीपी के तहत छात्र एक सेमेस्टर कम में कोर्स कर सकते हैं पूरा जबकि ईडीपी के तहत छात्र दो सेमेस्टर बढ़ाकर कोर्स को करेंगे पूरा* …..
*छात्रों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के उद्देश्य से यूजीसी ने लिया है यह फैसला …..इसके अलावा, यदि छात्र एक सत्र में दो अलग-अलग यूजी और पीजी कोर्स कर रहे हैं, तो उनकी दोनों डिग्रियां मानी जाएंगी मान्य* ……

*12वीं कक्षा पास करने वाले छात्र अब राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में किसी भी डिसिप्लिन के यूजी और पीजी कोर्स में होंगे दाखिले के योग्य ….. इस संबंध में यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों को छात्रों को किसी भी स्तर पर पढ़ाई छोड़ने और फिर से दाखिला लेने की देनी होगी छूट*…..
*इसके साथ ही, वोकेशनल और स्किल कोर्स के क्रेडिट को भी डिग्री कोर्स के क्रेडिट में किया जाएगा शामिल* …..

*यदि किसी कोर्स में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट का प्रावधान है, तो छात्र किसी भी डिसिप्लिन से उस एंट्रेंस टेस्ट में बैठकर ले सकेंगे दाखिला …..विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा की जाएगी प्रदान ….. बशर्ते वे इसे लागू करने के लिए हों तैयार*…..
*इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को साल में दो बार एडमिशन लेने का देना है अवसर ताकि उनकी शिक्षा में अधिक लचीलापन आए और उन्हें अधिक अवसर मिल सकें*……

*इस प्रस्तावित विनियम में कई महत्वपूर्ण प्रावधान भी हैं शामिल , जैसे मल्टीपल एंट्री और एग्जिट पूर्व शिक्षा की मान्यता और एक साथ दो यूजी / पीजी कार्यक्रमों का संचालन करना*……

*यूजीसी ने इस ड्राफ्ट गाइडलाइन पर सभी संबंधित पक्षों से 23 दिसंबर 2024 तक अपनी प्रतिक्रिया देने का किया है अनुरोध …… इस बदलाव से उच्च शिक्षा में न केवल लचीलापन आएगा, बल्कि छात्रों के लिए नए अवसरों के द्वार भी खुलेंगे, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली को और अधिक समावेशी और आधुनिक बनाने में करेगा मदद* …..

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