सिरेमिक कलाकारों के रचनात्मकता को उजागर और प्रदर्शन का एक सुनहरा अवसर”
“सिरेमिक कलाकारों के रचनात्मकता को उजागर और प्रदर्शन का एक सुनहरा अवसर”
लखनऊ, 25 फरवरी 2023, स्टूडियों पोटर्स सदियों से चली आ रही परम्परा को निरस्त न करके अपने लिए कला की दुनिया में अलग जगह बना रहा होता है, जहां उपयोगी और सौंदर्य परस्पर विरोधी तत्व नहीं हैं।
कला की अभिव्यक्ति के विभिन्न माध्यमों में सिरेमिक का विशेष महत्व है देश के अलग अलग हिस्सों में कम कलाकार काम कर रहे हैं लेकिन निरंतर संलग्न हैं। मिट्टी में काम कर रहे पोटर्स अपने कलात्मक सोच को अभिव्यक्त के माध्यम से अपना योगदान पॉटरी के विकास में दे रहे हैं।
मृतिका कला की इस अपेक्षाकृत नयी अवधारणा को लेकर शनिवार को ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ में सेरामिक कलाकारों की सामूहिक प्रदर्शनी ” लखनऊ पोटर्स मार्केट-2023″ का उद्घाटन वरिष्ठ कलाकार जयकृष्ण अग्रवाल, पांडेय सुरेंद्र, पांडेय राजीवनयन सहित तमाम कलाकारों ने दीप प्रज्वलित कर के किया, इस अवसर पर कलाप्रेमी ,आमजन आयोजक अंजू पालीवाल, अमित वर्मा उपस्थित रहे।
यदि आप पॉटरी,सिरेमिक का शौक रखते हैं तो आपके लिए ही नगर में तीन दिवसीय “लखनऊ पॉटर्स मार्केट- 2023” का दूसरा संस्करण शनिवार से शुरू हो गया है। यह आयोजन ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र अलीगंज में यह प्रदर्शनी 27 फरवरी 2023 तक प्रदर्शित रहेगी। पॉटर्स मार्केट पॉटरी विधा से जुड़े लगभग 16 कलाकारों लखनऊ से विशाल गुप्ता ,ममता राम्भा,शिबराम दास ,अंदिना,दीपा मौर्या,कानपुर से अदिति दिवेदी,प्रेम शंकर प्रसाद ,देहरादून से दुर्गा वर्मा ,नई दिल्ली से सोना श्रीवास्तव , बीना नीलरतना,बिजेन्द्र महाली,अहमदाबाद से श्रुति पटेल ,शांतिनिकेतन से सृमोंता मण्डल, लखीमपुर से कामता प्रसाद ,पुणे से मनोज शर्मा,गोरखपुर से मनोज कुमार की कलाकृतियों की प्रदर्शनी है। इस तरह की प्रदर्शनी भारत के विभिन्न शहरों में आयोजित हो रही हैं। कला में अभिरुचि रखने वालों के मध्य बहुत लोकप्रिय है। इसी क्रम में यह लखनऊ पॉटर्स मार्केट का दूसरा संस्करण इस प्रदर्शनी में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकार पॉटरी व सिरामिक माध्यम में बनी बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है।
टेबलवेयर,पोट्स,ज्वेलरी,कप -प्लेट ,क्रिस्टल पोट्स, सिरेमिक,टेराकोटा स्क्ल्प्चर, क्रिएटिव एवं ट्रेडीशनल पोटरी आदि प्रदर्शित किये गए हैं। आप इस प्रकार के कलात्मक पोट्स और सिरेमिक से अपने घरों को सजा सकते है और अपने दैनिक उपयोग में भी प्रयोग कर सकते हैं ।
नगर के सभी कला प्रेमियों से अपील है कि इस प्रदर्शनी में अवश्य आएं।
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि क्रिस्टलीय चमक आकर्षक हैं और तुरन्त आंखों पर कब्जा कर लेते हैं। कला के कई टुकड़ों में इस ग्लेज़ का इस्तेमाल तैरने वाली आकाशगंगाओं, ठंढा खिड़कियों, दुर्लभ रत्नों या फूलों को लाने के लिए किया जाता है। इसी तकनीक ने देर से कला प्रेमियों और कलाकारों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
क्रिस्टल इफेक्ट पर काम करने वाले पुणे महाराष्ट्र से आये मनोज शर्मा ने इस इफेक्ट के बारे में बताया कि क्रिस्टल में जिंक 20 से 25 प्रतिशत होता है। जिंक की मुख्य भूमिका होती है इसमें। पॉट को मिट्टी से बनाने के बाद बिस्किट फायर करते हैं फिर गलेजिंग करते है क्रिस्टलाइन की फायरिंग 1250 से 1280 तापमान पर किया जाता है। यह सधे हाथों का ही कमाल होता है। नियमित रूप से ग्लेज़ बनाने की प्रक्रिया में काम करने की अपेक्षा क्रिस्टलीय ग्लेज़ बनाने की प्रक्रिया जो अधिक तरीके, तापमान ,समय काफी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इस इफेक्ट के लिए उपयोग में लाने वाले रासायनिक पदार्थ में पात्र से नीचे जाने की प्रवृत्ति होती है और फायर-साइकिल एकदम सही तापमान माप पर निर्भर करती है।ग्लेज के बहुत सारे इफेक्ट के लिए अलग अलग रसायनिक तत्व ग्रिस्टली बोरेट,कॉपर कार्बोनेट के प्रयोग होते हैं।
मनोज शर्मा जमशेदपुर झारखंड के निवासी है इन्होंने वर्ष 2000 में सिरेमिक में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर्स किया। तब से आजतक पुणे में अपने आप को सेरामिक कलाकार के रूप में स्थापित करने के लिए संघर्ष किया जो अभी भी जारी है। पुणे कात्रज अम्बे गांव में मनोज ने अपना सिरेमिक स्टूडियों बनाया है जहाँ अपने विचारों को सेरामिक माध्यम से कलात्मक प्रयोग कर रहे हैं।
– भूपेंद्र कुमार अस्थाना
25 फरवरी 2023