बूचड़खानों से पर्यावरण को हो रहा नुकसान, प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने मंत्रालय से मांगा जवाब

बूचड़खानों से पर्यावरण को हो रहा नुकसान, प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने मंत्रालय से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बूचड़खानों से होने वाले प्रदूषण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जवाब मांगा है। एनजीटी ने हाल ही में बूचड़खानों से होने वाले प्रदूषण के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए संबंधित मंत्रालय सहित अन्य को जवाब देने को कहा है। याचिका में दावा किया गया है कि बूचड़खानों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के अलावा प्रदूषण बढ़ाने में भी काफी योगदान दिया है।याचिका में कहा गया कि जब भी कोई नया बूचड़खाना स्थापित किया जाना था, तो 2006 के पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के अनुसार पर्यावरण पर इसके प्रभाव की जांच करना आवश्यक था, जो किसी परियोजना या गतिविधि के बारे में सभी सूचनाओं की जांच करने और क्षेत्रीय पारिस्थितिकी पर इसके संभावित प्रतिकूल प्रभावों की जांच के लिए लाया गया था।याचिका में तर्क दिया गया कि बूचड़खानों और प्रसंस्करण इकाइयों को अधिसूचना के दायरे में लाया जाना चाहिए। न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि यह पर्यावरण से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ जौनपुर प्रवीण कुमार गौतम व कैमरामैन अखिलेश उर्फ गोलू

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