आवास के नाम पर वसूली का वीडियो वायरल पर जांच टीम पहुँची गांव  लीपापोती में जुटी टीम,

आवास के नाम पर वसूली का वीडियो वायरल पर जांच टीम पहुँची गांव 

लीपापोती में जुटी टीम,

 

 

जांच में कैसे लीपापोती की जाती है इसका उदाहरण बहिरी ग्राम सभा के बरहमपुर गांव में देखने को मिली,

जानकारी के लिए बता दें कि बहिरी ग्राम सभा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्राप्त अभ्यर्थियों ने वीडियो के माध्यम से बताया था कि ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी की मिलीभगत से आवास देने की एवज में 10 से ₹20000 लिए गए थे, वीडियो वायरल होते ही, ए,डी,ओ ,ए,जी, जे,ई, वाह ग्राम विकास अधिकारी जांच के लिए बहिरी गांव के बरहमपुर गांव में जांच करने पहुंचे, जहां वीडियो वायरल होने से ग्राम प्रधान उनके अनुयायियों द्वारा भुक्तभोगी ऊपर इतना दबाव बनाया गया कि वह बयान से मुकरते नजर आए, जांच अधिकारी के पहुंचने की सूचना पर पत्रकारों की एक टीम भी उस गांव में पहुंच गई, जहां देखा गया, भुक्तभोगी अभ्यर्थियों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराते देखा गया, जब पत्रकारों ने जांच अधिकारियों से सवाल और जवाब करना शुरू किया, तो जांच अधिकारी जांच छोड़कर अन्य गांव में जांच का हवाला देकर रफूचक्कर हो गए, आखिरी इस जांच का परिणाम क्या निकला वही ग्रामवासी यह कहते हुए पाए गए कि इसमें सभी की मिलीभगत रहती है जांच में कुछ नहीं होने वाला है , ऐसे में इस परंपरा को कैसे खत्म किया जाए यह विचारणीय प्रश्न है।

क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ जौनपुर प्रवीण कुमार गौतम व कैमरामैन अखिलेश उर्फ गोलू

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