दो बार विधायक बने और एक भी कार्यकाल पूरा न कर सके अब्दुल्ला, सिर्फ नाम के बने विधायक, नहीं आए काम
दो बार विधायक बने और एक भी कार्यकाल पूरा न कर सके अब्दुल्ला, सिर्फ नाम के बने विधायक, नहीं आए काम
समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम दो बार विधायक बने, लेकिन दोनों बार ही कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। पहले उनकी विधानसभा सदस्यता दो साल में चली गई थी और इस बार 11 महीने में ही चली गई। विस सदस्यता जाने की वजह से क्षेत्र का विकास भी नहीं करा पाए। विधायक निधि के तीन करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हो सके,अब्दुल्ला आजम 2017 में पहली बार स्वार-टांडा से विधानसभा चुनाव लड़े। तब उनके मुकाबले चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने नामांकन के दौरान ही आपत्ति दाखिल कर दी थी। उनका कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है, इसलिए उनका पर्चा खारिज किया जाए, लेकिन नवेद मियां इस संबंध में कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके। इस कारण अब्दुल्ला का पर्चा वैध पाया गया और वह चुनाव भी जीत गए। बाद में नवेद मियां साक्ष्य जुटा लिए और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। तब कोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला की विधायकी खत्म कर दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में अब्दुल्ला सुप्रीम कोर्ट चले गए। इस कारण उपचुनाव नहीं हो सका, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी। ऐसे में वह विधायक को मिलने वाले लाभ का फायदा नहीं उठा सके।
क्रांति फाउंडेशन दूत न्यूज़ चैनल ब्यूरो चीफ जौनपुर प्रवीण कुमार गौतम व कैमरामैन अखिलेश उर्फ गोलू